पटना, 24.5.।
अग्रज मुकुल जी नमस्ते।
आपके दो अलग-अलग पत्र मिले। विस्तृत जानकारी मिली। कल सोनू को टाटा के लिए स्टेशन छोड़ आया था। तत्पश्चात् अचानक पीठ में जोरों का दर्द महसूस करने लगा। आज कहीं जाकर थोड़ा बेहतर महसूस किय। आपके जाने के ठीक बाद नवल जी को मैंने किताब लौटा दी थी। उन्होंने अपना डेरा बदल लिया है। पास ही में है। फोन नं. वही पुरानावाला रहेगा। आपके कहे अनुसार गोपेश्वर जी से भी मुलाकात की। थोड़े 'गंभीर' हो चले हैं। डा. विनय कुमार स्वस्थ हैं। मनीष अपने तमाम लक्षणों के साथ चंगा है। लोक दायरा के लिए आवश्यक तैयारी हो चुकी है। अंक बेहतर हो सकेगा। मणि जी अपना लेख नहीं दे सके हैं। रविवार को दे डालने का निश्चय किया है। मणि जी तक आपका प्रणाम मैंने पहुंचा दिया। काफी खुश हुए। पी-एच.डी का मेरा काम तेजी से आगे बढ़ रहा है। कुमार किशोर से मिलकर आपके ‘न्यूजब्रेक’ वाले पैसे की पूछताछ करूंगा। आर.पी.एस. स्कूल में मैंने इन्टरव्यू दिया था। संभव है, वहीं चला जाऊं। छुट्टी के दिन वहां ज्यादा हैं। अपने काम के लिए अवसर कुछ ज्यादा मिल सकेगा। शिवदयाल जी से फोन करके ‘ज्ञान-विज्ञान’ में आपकी कविता के बारे में जानकारी ले लूंगा। ‘हंस’ में अभी कविता प्रकाशित नहीं हुई है। ‘इस बार’ के बारे में भी कोई विशेष जानकारी नहीं है। मधुकर जी से मिलना पड़ेगा। अलबत्ता सहमत के ताजा (जनवरी-मार्च) अंक में इतिहास वाला लेख जिसे आपने न्यूजब्रेक में छापा था, आ चुका है। एक भी शब्द काटा नहीं गया है। नवल जी के अनुसार पटना अब अरुण कमल के लिए खाली पड़ा है। असंदिग्ध सफलता हाथ लगेगी। यहां लालू की बेटी की शादी की चर्चा हिन्दी-अंग्रेजी अखबारों का मुख्य विषय बन चुकी है। लोक दायरा-4 छपते ही भेजूंगा। इस अंक को कैफी आजमी को समर्पित करने की योजना है। ‘युद्धरत आम आदमी’ का प्रतीक्षित अंक उपलब्ध नहीं हो सका है। हाथ लगते ही सूचित करूंगा। बाकी सब मजे में हैं। अजय-श्रीकांत से संपर्क कायम है। आज पत्नी ने टाटा फोन किया था। सब कुशल हैं। पिताजी इधर घर गये थे। सब ठीक-ठाक है। जावेद अख्तर को दो अंक भिजवा दिया है। चौथे अंक के साथ मिलूंगा। उन्हें भी आजीवन सदस्य बनाने की योजना है। एक सदस्य की और बढ़त हुई है। मन लगाकर/मारकर काम करेंगे। विशेष अगले पत्र में.
राजू रंजन प्रसाद
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