Sunday, August 22, 2010

पत्र संख्या-16

हैदराबाद, 26.12.02।
 
प्रिय भाई राजू जी,
नमस्कार।
यहां सब पूर्ववत चल रहा है। कंपनी थोड़ी लड़खड़ा रही है। पेमेन्ट किश्तों में और देर से हो रहा है। यूं आश्वस्त किया जा रहा है कि यह संकट एक-दो माह का है। जो भी हो आप क्या कर रहे हैं? ‘लोक दायरा’ क्या प्रेस में गया ? मोती को पीछे लिखा होमियोपैथी संस्थान का पता दे देंगे। यह नया पता है। और यहां सब ठीक है। बेबी, बच्चे ठीक हैं। गट्टू कैसा है ? मैडम की दवा तो आप ला दिए होंगे-सेनेशिया-क्यू। पत्र देंगे। अन्य साहित्यिक गतिविधि लिखेंगे। अपना भी।
कुमार मुकुल

1 comment:

  1. इस नए सुंदर से चिट्ठे के साथ आपका हिंदी ब्‍लॉग जगत में स्‍वागत है .. नियमित लेखन के लिए शुभकामनाएं !!

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