Tuesday, August 24, 2010

पत्र संख्या-17

हैदराबाद, 29.8.02।

प्रिय भाई राजू जी,
आशा है सानंद होंगे। मैं भी ठीक हूं। दो कमरे का एक मकान लिया है, भीड़-भाड़ से थोड़ा बाहर प्रकृति की गोद में 1500 में। परिवार को जल्द ही बुलाना होगा-देखें कबतक कैसे होता है। अनुवाद का भी कुछ काम मिलनेवाला है, अलग से। त्रिवेन्द्रम होमियो मिशन को कार्ड डाला था जवाब आ गया है। वहां का भी कोर्स साल भर में कर लूंगा। हमारे फीचर को आज ही हिन्दी के सबसे बड़े अखबार ‘दैनिक भास्कर’ की ओर से साल भर का आर्डर मिला है। आफिस में सब कुछ भला सा है। जो चाहता हूं वही लिखता हूं। पर नियमित। इस तरह बच्चों व किशोरों के लिए कुछ किताबें लिख सकूंगा यहां रहकर। एक कविता मोदी के खिलाफ ‘हंस’ को भेजी है। गट्टू कैसा है? मोती और मैडम? मोती की क्या योजना है?

कुमार मुकुल

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